नई दिल्ली: चीन के पिट्ठू बने मालदीव के तेवर अब बदलने लगे हैं. मोहम्मद मुइज्जू सरकार अब न केवल भारतीयों से उसके पर्यटन का ‘हिस्सा बनने’ का आग्रह कर रही है, बल्कि अब यह तक कह दिया कि उसने चीनी ‘जासूसी’ जहाज को अपने जल क्षेत्र में रिसर्च की अनुमति नहीं दी है. इस बात पर जोर देते हुए कि हिंद महासागर की शांति और सुरक्षा भारत सहित पड़ोसी देशों के लिए महत्वपूर्ण है, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान उद्देश्यों के लिए चीनी जहाज को अनुमति नहीं दी है. मालदीव के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब चीन का समुद्री अनुसंधान जहाज (जिसे जासूसी जहाज के तौर पर देखा जा रहा है) जियांग यांग होंग 3 फिर से मालदीव पहुंचा है. यह बीते दो महीने में दूसरी बार है, जब चीन का जासूसी जहाज मालदीव पहुंचा है.
भारत दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा, ‘हिंद महासागर की शांति और सुरक्षा भारत, मालदीव, श्रीलंका और हमारे पड़ोस के बाकी देशों के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए, जैसा कि मैंने पहले कहा था, हम साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे. चीनी जहाज के मालदीव यात्रा को लेकर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने व्यक्तिगत रोटेशन और मैत्रीपूर्ण पोर्टेबल परमिट जारी किए और चीनी पक्ष से राजनयिक मंजूरी मिली, जो मालदीव में बहुत आम है.
‘रिसर्च करने वाले जहाजों को परमिशन नहीं’
उन्होंने आगे कहा, ‘तो यह इसी तरह हुआ है कि हम एक शांतिपूर्ण देश के रूप में उन जहाजों का स्वागत करते हैं, जो शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए आते हैं. लेकिन वे मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नहीं आए, हमने मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान के लिए चीनी जहाज को अनुमति नहीं दी है.’ मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने कहा कि मालदीव के जल क्षेत्र में रिसर्च करने वाले जहाजों का स्वागत नहीं है.
27 अप्रैल को दूसरी बार गया चीन का जहाज
दरअसल, भारत संग तनातनी के बीच 27 अप्रैल को चीनी रिसर्च जहाज जियांग यांग होंग 3 मालदीव के जलक्षेत्र में लौटा था. मालदीव में मुइज्जू की सरकार बनने के बाद यह दूसरी बार है, जब चीनी जासूसी जहाज मालदीव पहुंचा. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन समर्थक हैं और सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के संसदीय चुनाव जीतने के बाद दो महीने के भीतर चीनी जासूसी जहाज की की यह दूसरी यात्रा है. गौरतलब है कि रक्षा मंत्री घासन मौमून ने पिछले महीने मालदीव की संसद को बताया था कि चीनी जहाज मालदीव के जल क्षेत्र के अंदर और उसके निकट जाने के बावजूद कोई शोध नहीं करेगा. नवंबर में राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 07:08 IST